Dr. Shree Vishnukant S.Chatpalli, Chief,Technology,Marketing BMTPE,G - Wing, Nirman Bhavan, New Delhi records on 7 Sep 2003 : The scenic beauty is excellent, marvelous and inspiring. The cultural Ambassador and National Saint has been the role model for the youth all the time. RSS has made this work impossible to possible. Our salutations.
Shree J. C. Pant -Chairman,High Power Committee (Disaster Management Plan) Govt. of India on 8 Sep 2000 records : Visiting the Rock Memorial with friends of the Vivekananda Kendra, Kanyakumari was a memorable experience. The devotion and dedication with which Swamiji's legacy and memory is being preserved and propagated is indeed, admirable. The story of the rock memorial is a saga of perseverance and devotion and a great gift to the Nation for generations to come. My salutations to all who are engaged in the task.
Lt. Gen. Shree D. P. Sehgal Signal Officer in chief Army Headquarters on 8 Sep 2001 records : I had visited this great memorial in 1978. Now I have enjoyed yet again. The serenity and sanctity of the Mandapams is captivating. The memorial is being maintained very well and dedicatedly by the Trust. The teachings of Vivekananda are to be emulated by one and all. Thanks for the conduct and explanation.
Shree Hastimal ji, Akhil Bharteeya Sampark Pramukh, Rashtreeya Svyamsevak Sangh on 8 Sep 2011 records : काश्मीर से कन्याकुमारी भारत अखंड सांस्कृतिक इकाई के रूप में हजारों हजारों वर्षों से विश्व का मार्गदर्शन कर रहा है| शिव और देवी पार्वती की कथा हिमालय से देवी मंडपम् (कन्याकुमारी) तक की कथा उन्ही दृष्टान्तों में एक उत्तम उदाहरण है, जो भारतीय सांस्कृति-भौगोलिक एकता का दर्शन करवाते है| स्वामी विवेकानन्द उसी भारतीय परम्परा के अति उज्जवल नक्षत्र है, जो बंगाल से चलकर सम्पूर्ण भारत की परिक्रमा करते हुए इस श्री शीला पर आये और ध्यानस्थ होकर अपने देश, समाज और सम्पूर्ण विश्व के लिए हमारे कर्तव्य, उत्तरदायित्व का चिंतन किया- और भविष्य के लिए मार्गदर्शन - दिशादर्शन प्राप्त किया | माननीय एकनाथ जी रानडे का सारा देश कृतज्ञ आभारी रहेगा कि जिन्होंने इस स्थान पर उस ऐतिहासिक क्षण को स्थाई स्वरूप देने तथा भविष्य में भी भारत के साक्षात् एक स्वरूप का दर्शन करवानें के लिए इस भव्य वास्तु (स्मारक)का निर्माण करवाया |सभी देशवासी यहाँ का दर्शन करके- सम्पूर्ण भारत की एकता का पुनःस्मरण करते हुए अपने कर्तव्य का बोध फिर स्मरण करते रहेगे -ऐसा विश्वास है| मै अपने श्रद्धा सुमन समर्पित करता हूँ |
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