Thursday 5 April 2018

निवेदिता - एक समर्पित जीवन - 30

यतो धर्म: ततो जय:

भारतीय इतिहास की पदचाप 
                                                                              (फुट फॉल्स ऑफ़ इण्डियन हिस्ट्री)

हे मां ! हम अनंत काल से तुम्हारे कोमल 
चरणों की सुमधुर ध्वनि -
धरती को यत्र-तत्र स्पर्श करती,
सुनते आए हैं| 
तुम्हारे चरण-चिन्हों पर अंकित कमल 
ऐतिहसिक नगर हैं !
पुरातन धर्म-ग्रंथ, काव्य और देवालय 
दिव्य तपश्चर्या, सत्य की खोज में 
कठोर संघर्ष !
हे मां ! किस गंतव्य को इंगित करते है,
तुम्हारे ये पदचाप ? 
हमें इनके अर्थ -बोध का अमृत पीने की 
शक्ति दो 
हमें वह दिव्य-दृष्टि दो कि 
जिससे,यह विचार निर्मूल हो जाए 
मानव बहुत महान है | 
हे मां ! किस गंतव्य को इंगित करते है, 
तुम्हारे ये पदचाप ?
हम तुम्हारे शरणागत,
 मुक्तिदायिनी,
हे मां!
हम तेरे शिशु,
तुझसे ही पोषित हैं | 
हमरे हृदय में सदैव, 
तुम्हारी आस्था बनी रहे,
हे भूमि देवी,
हम तेरे ही है ! 
हे मां ! किस गंतव्य को इंगित करते है,
तुम्हारे ये पदचाप ? 
                                      भगिनी निवेदिता





No comments:

Post a Comment