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भारतवर्ष की रानी - 'सीता'
भारतवर्ष की रानी - 'सीता'
एक दिन निवेदिता ने बालिकाओं से प्रश्न किया कि भारतवर्ष की रानी कौन है ? छात्राओं ने उत्तर दिया, महारानी क्वीन विक्टोरिया। अंग्रेज शासित भारतवर्ष में इंग्लैंड की महारानी को स्वाभाविक रूप से सभी अपनी रानी समझते थे। छात्राओं का उत्तर सुनकर निवेदिता क्रोध एवं दुःखी से उत्तेजित हो उठीं। धिक्कारते हुए उन्होंने छात्राओं से कहा, भारतवर्ष की रानी कौन है, यह भी क्या तुम लोग नहीं जानतीं ? उसके बाद खुद उत्तर देते हुए कहा - इंग्लैंड की अधीश्वरी क्वीन विक्टोरिया कभी-भी तुम्हारी रानी नहीं हो सकती। तुम्हारी रानी सीता है। सदा के लिए भारतवर्ष की रानी सीता है।
बालिकाओं की शिक्षा के सम्बन्ध में स्वामीजी ने निवेदिता से कहा था कि सनातन धर्म के आदर्श - 'त्याग एवं सेवा' से कभी-भी उनका अलगाव न हो। भारत की बालिकाओं को शिक्षित करने की परम आवश्यकता है, लेकिन यह आदर्श सर्वोच्च होना चाहिए। निवेदिता मन-प्राण से स्वामीजी के इस निर्देश का पालन किया था।
बालिकाओं की शिक्षा के सम्बन्ध में स्वामीजी ने निवेदिता से कहा था कि सनातन धर्म के आदर्श - 'त्याग एवं सेवा' से कभी-भी उनका अलगाव न हो। भारत की बालिकाओं को शिक्षित करने की परम आवश्यकता है, लेकिन यह आदर्श सर्वोच्च होना चाहिए। निवेदिता मन-प्राण से स्वामीजी के इस निर्देश का पालन किया था।
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