यतो धर्म: ततो जय:
पूर्वाभास
२८ अक्टूबर, १८६७ को अायरलैण्ड के डंगानन काउंटी टायोन में जन्मी भगिनी निवेदिता का मूल नाम कुमारी मार्गरेट नॉबल था। नॉबल परिवार मूलतः स्कॉटिश था किन्तु चौहदवीं सदी में अायरलैण्ड में बस गया। मार्गरेट के पितामह ज़ॉन नॉबल उत्तरी अायरलैण्ड के वेसलियन चर्च के पादरी थे। उनका विवाह मार्गरेट एलिजाबेथ नीलस से हुअा। ईन्हीं की अात्मजा थी कुमारी मार्गरेट जिसे अपनी दादी का नाम प्रदान किया गया।
उस समय अायरलैण्ड में इंग्लैण्ड के दमनकारी शासन से मुक्ति पाने के लिए अान्दोलन चल रहा था। मार्गरेट के दादा ज़ॉन नॉबल इस स्वाधिनता अान्दोलन के अग्रणी नेता थे। उसके नाना हेमिल्टन का भी इस आंदोलन से गहरा जुड़ाव था। फलतः इस कन्या को स्वाधीनता प्रेम पारिवारिक विरासत के रूप में प्राप्त हुआ। सेम्युअल रिचमंड नॉबल का विवाह मेरी हेमिल्टन से हुआ। जिसकी गिनती अपने समय की श्रेष्ठ सुंदरियों में थी। उनकी प्रथम संतान थी मार्गरेट जिसे उसकी मां ने जन्म से पूर्व ही ईश्वर सेवा में समर्पित कर दिया था। उसके जन्म के 1 वर्ष बाद ही सेम्युल व मेरी ने अपने जीवन की दिशा बदलने का निश्चय किया। नन्हीं मार्गारेट को दादी की देखरेख में छोड़ वे इंग्लैंड में मंचेस्टर में जा बसे। वहां से सेम्युअलने धर्मशास्त्र का अध्ययन किया और पादरी के रूप में विकसित होकर डावेनशायर इलाके में टारिगटन को अपना कार्यक्षेत्र चुना। वह सन 1876 की बात है इस वर्ष मार्गारेट अपने माता पिता के पास रहने चली अायी। अब तक उसके छोटे भाई रिचमंड व बहिन मेरी का जन्म हो चुका था।
रेवरेंड सेम्युअल और नॉबल ने एक पादरी व गरीबों के मददगार के रूप में पर्याप्त ख्याती अर्जित की उनके लिए धर्म का अर्थ था सेवा और उनके जीवन में सर्वोत्तम वर्ष गरीबों की सेवा में व्यतीत हुए। पिता के धर्मोत्साह, उदारता व सेवाभाव का मार्गारेट के बालमन पर अमित प्रभाव पड़ा। पिता का उस पर विशेष स्नेह था। अथक परिश्रम व दौड़-धूप ने सेम्युअल को 34 वर्ष की अल्प आयु में ही मृत्यु के द्वार पर ला खड़ा किया। विदा होने से पूर्व उन्होंने मार्गारेट के लिए अपनी पत्नी से कहा "...........मार्गरेट के जीवन में एक बार आह्वान आएगा। जब परमात्मा की ओर से ऐसा अवसर आए तो उसे जाने देना। कभी रोकना मत। उसके द्वारा महान कार्य संपन्न होंगे...........।
To be Continue
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