Thursday 18 August 2016

स्वतंत्रता दिवस भाषण -2

स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का मूल पाठ

मेरे प्यारे देशवासियों,

भाइयों-बहनों, मैं मेरे देश के वैज्ञानिकों को भी बधाई देना चाहता हूं। जमीन, पानी, solar pump, साथ के साथ अच्छे बीज की भी जरूरत होती है, अच्छे seeds की जरूरत होती है। भारत की वायु को, प्रकृति के अनुकूल हमारे देश के वैज्ञानिकों ने 131 से ज्यादा नए कृषि के योग्य बीज तैयार किए हैं, जो हमारे प्रति हेक्टेयर उत्पादन को बढ़ाने की क्षमता रखते हैं। उसके अंदर जो values हैं, उस values में भी बढ़ोतरी हो रही है। मैं इन वैज्ञानिकों को भी बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

किसान को यूरिया चाहिए, खाद चाहिए। एक जमाना था खाद को पाने के लिए black-marketing होता था, एक जमाना था खाद पाने के लिए पुलिस लाठीचार्ज करती थी, एक जमाना था कि इंसान खाद के अभाव में अपनी आंखों के सामने बर्बाद होता हुआ अपनी फसल देख रहा था। भाइयों-बहनों, खाद की कमी, ये बीते हुए दिनों का विषय बन गए, इतिहास के गर्त में चला गया। आज हमने खाद की कमी, सबसे ज्यादा खाद का उत्पादन करने में हम सफल हुए हैं।

भाइयों-बहनों, इस खाद के उत्पादन के कारण किसानों को आवश्यकता के अनुसार समय पर खाद मिलने की संभावना।

उसी प्रकार से हमने फसल बीमा योजना बनाई है, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना। किसान को जमीन से ले करके उत्पादित चीजों तक उसकी रक्षा करना। पहली बार कम से कम प्रीमियम से अधिक से अधिक, वो भी गारंटी के साथ फसल बीमा योजना देने का काम, भाइयों-बहनों हमने किया है। हमने फसल के उत्पादन को 15 लाख टन अन्‍न के संरक्षण के लिए नए गोदामों का निर्माण किया है।

हमारे देश में किसान का भला तब होगा, जब हम Value addition की तरफ जाएंगे और Value addition की ओर जाने के लिए, हमने पहली बार food processing को विशेष रूप से बल दिया है। 100% Foreign Direct Investment को हमने प्रोत्साहित किया है जिसके कारण कृषि आधारित उद्योगों को बल मिलेगा और कृषि आधारित उद्योगों को जब बल मिलेगा, तो मेरे भाइयों-बहनों मुझे विश्वास है कि हमारे किसान को और जो मेरा सपना है, कि 2022 में किसान की income को double करना है, ये चीजें हैं जिसके द्वारा ये संभव होने वाला है और उसके लिए हमने एक के बाद एक कदम उठाए हैं।

भाइयों-बहनों, हमारे देश में एक परंपरा बन गई। सरकारों ने अपनी पहचान बनाने के लिए तो बहुत कुछ किया है और हमारे देश का जिस प्रकार का स्वभाव है, एकाध लोकरंजक काम कर दो, एकाध लोक लुभावना काम कर दो, सरकारी खजाने को खाली कर दो, सरकार की एक पहचान बनाने की परंपरा रही है। भाइयों-बहनों, मैंने अपने आप को इस मोह से दूर रखने का भरपूर प्रयास किया है और इसलिए एक total transformation, transparency के साथ transformation. Reform, Perform, Transform उस मंत्र को लेकर के हमने एक के बाद एक चीजें और हर range में, हर range में करने का हमने प्रयास किया है।

भाइयों-बहनों हमें सरकार की पहचान बनाने से ज्यादा मेरे हिन्दुस्तान की पहचान कैसी बने, उस पर बल है। दल की पहचान बने या न बने, देश की पहचान बननी चाहिए। देश की पहचान बनेगी तो आनेवाली सदियों तक, हमारी आनेवाली पीढ़ियों तक उसका लाभ होने वाला है और इसलिए हमने सरकार की पहचान को प्राथमिकता नहीं दी है, देश की पहचान को प्राथमिकता दी है।

आज हम रेलवे में, आप देखते होंगे कि हमारे काम की range क्या है। एक तरफ रेल में हम Bio-toilet की भी चर्चा करते हैं तो दूसरी तरफ Bullet train को भी लाने का सपना देखते है। हम एक तरफ किसान के लिए Soil Health Card की चर्चा करते हैं, तो दूसरी तरफ हम satellite और space technology की दिशा में भी आगे बढ़ना चाहते हैं। हम Stand-up India की बात करते हैं तो हम Start-up India के लिए और कदम उठाते हैं। हम symbolism की जगह पर substance पर बल दे रहे हैं। हम isolated development की जगह पर integrated development की ओर बल दे रहे हैं। हम entitlement से छोड़कर के empowerment पर ध्यान दे रहे हैं और जब भी देश empower होता है तो मेरे भाइयों-बहनों, हमारे देश में नई योजनाएं घोषित करने से सरकारें पहचान बन जाती है। लेकिन पुरानी योजनाएं, वो ऐसे लुढ़क जाती है। सरकारें continuity होती हैं। अगर पहले की सरकारों ने भी कोई काम किया है। तो देश का भला इसमें है कि उसकी कुछ कमियां जरूर दूर करें, लेकिन उस काम को आगे बढ़ाना चाहिए। ये आपकी सरकार का, हम नहीं करेंगे, हम तो हमारी सरकार का करेंगे, ये अहंकार लोकतंत्र में नहीं चलता है और इसलिए हमने सर झुकाकर के पुरानी सरकारों के काम को भी उतनी ही तव्वजो दी है और ये हमारी कार्य-संस्कृति का परिचायक है क्योंकि देश, देश अखंड, अविरत व्यवस्था है और उस व्यवस्था को हम चलाना चाहते हैं और उसी के तहत मैं एक प्रगति कार्यक्रम चलाता हूं और खुद review करता हूं, खुद बैठता हूं। आपको हैरानी होगी कि साढ़े सात लाख करोड़ रुपए के करीब-करीब 118 project, वो किसी न किसी सरकार ने कभी प्रारंभ किए थे, सोचा था, योजना बनाई थी, ऐसे लटके पड़े थे। उनको मैंने बाहर निकाला, मैंने कहा पूरा करें। इतने रुपए बर्बाद हुए, और जोड़कर के काम को पूरा करो। आज वो काम पूरे हो रहे हैं।

हमने एक project monitoring group बनाया, जिसको मैंने अलग से कहा कि जरा देखिए ऐसे कौन से काम थे जो किसी समय शुरू हुए। कोई 20 साल पहले, कोई 25 साल पहले, कोई 30 साल पहले, कोई 15 साल पहले लटके पड़े थे। आज जो लोग उस इलाके में रहते है उनको पता है। करीब-करीब 10 लाख करोड़ रुपयों के 270 प्रोजेक्ट ऐसे हमने identify किए जो किसी सरकार ने शिलान्यास किया होगा, किसी ने 1000-2000 हजार करोड़ रुपया लगा दिया होगा। लेकिन बाद में वो मिट्टी में मिलता चला जा रहा था उसको हमने फिर से काम करने के लिए, उस अटकी हुई योजनाओं को...भाइयों-बहनों, योजनाओं का अटकाना, योजनाओं का delayed होना, रुपयों की बर्बादी होना एक प्रकार से criminal negligence है और उससे हमने पार करने का प्रयास किया है।

भाइयों-बहनों, Railway project की मंजूरियां दो-दो साल लगते थे। train जा रही है ऊपर bridge बनाना है, दोनों तरफ रास्ते बन चुके हैं। दो-दो साल लग जाते थे। भाइयों-बहनों आज वो काम तीन महीना-चार महीना, ज्यादा से ज्यादा छ: महीने में प्रोजेक्ट को मंजूरी देने की गति हम ले आये हैं।

भाइयों-बहनों, हम कितना ही काम करें, कितनी ही योजनाएं बनाएं। लेकिन सरकार सुशासन के लिए last man delivery, आखिरी इंसान को उसका लाभ कैसे मिलता है, उस पर ध्यान देना होता है। भाइयों-बहनों जब नीति साफ हो, नीयत स्पष्ट रुप से हो, साफ नीति, स्पष्ट नीति, साफ नीयत, स्पष्ट नीयत होती है, तब निर्णय करने का जज्बा भी कुछ और होता है और इसलिए निर्णय बेझिझक हो सकते हैं।

हमारी सरकार स्पष्ट नीतियों के कारण, साफ नीयत के कारण, बेझिझक निर्णय करके, बेझिझक निर्णय करके चीजों को आगे बढ़ाने में और last man delivery पर बल दे रही है।

हमने देखा है, अगर उत्तर प्रदेश के अखबार देखोगे, हर वर्ष गन्ना किसानों का बकाया, ये हर बार चर्चा में रहता था। sugar mill ये नहीं करती, राज्य सरकार ये नहीं करती, गन्ना किसान को ये परेशानी है। हजारों करोड़ रुपयों का बकाया था, हजारों करोड़ रुपए का। हमने इसके पीछे योजनाएं बनाई, पीछे लग गए, last man delivery किसान के घर तक पैसा पहुंचना चाहिए। पुराना जो बकाया था हजारों करोड़ बकाया था। भाइयों-बहनों, आज मैं बड़े संतोष के साथ कहता हूं 99.5% पुराना बकाया चुकता कर दिया गया है। ये बहुत सालों के बाद पहली बार हुआ है। इस बार का जो गन्ने का व्‍यापार हुआ, गन्ना खरीदा गया, आज मैं कह सकता हूं संतोष के साथ, अब तक करीब-करीब 95% किसानों को गन्‍ने का दाम चुका दिया गया है और 5% भी बचा हुआ होगा, तो आनेवाले दिनों में जरूर चूक जाएगा ऐसा मुझे विश्वास है।

भाइयों-बहनों, LPG के Gas connection गरीब परिवारों को देने का हमने बीड़ा उठाया है। उज्वला योजना के तहत, मेरी गरीब मां को चूल्‍हे के धूएं से मुक्ति दिलाने का अभियान बहुत तेजी से चलाया है। 5 करोड़ गरीब परिवारों को जब गैस का चूल्हा पहुंचेगा और तीन साल में करने का बीड़ा उठाया, काम चल रहा है। करीब-करीब 50 लाख तक हम पहुंच चुके हैं और वो भी सिर्फ पिछले 100 दिन के अंदरये काम कर दिया है। आप कल्पना कर सकते हैं, हो सकता है। तीन साल के पहले भी इस काम को हम पूरा कर लें last man delivery उस पर हम बल देना चाहते हैं।

हमारी post office, information technology, whatsapp, messages, online, e-mail इनके कारण धीरे-धीरे post irrelevant हो रहा था, डाकघर हमारा। जो हमारी एक पहचान है। हमने इन डाकघरों को पुनर्जीवित, पुनर्ताकतवर बनाने का, डाकघर गरीब और छोटे व्यक्ति से जुड़ा रहता है। सरकार का प्रतिनिधि अगर कोई हिन्दुस्तान के सामान्‍य मानव से प्यार से जुड़ा हुआ होता है तो वो डाकिया होता है। डाकिए को हर कोई प्यार करता है, डाकिया हर किसी को प्यार करता है।

लेकिन उस डाकिया की तरफ हमारा कभी ध्यान नहीं जाता है। हमने हमारे post offices को payment bank में convert करने की दिशा में कदम उठाया है। ये payment bank बनने से एक साथ देश के गांवों तक बैंकों का जाल बिछेगा, जन-धन account का लाभ मिलेगा और सामान्य मानव MNREGA का पैसा भी अब आधार के द्वारा उसके खाते में जा रहा है, corruption कम हो रहा है।

भाइयों-बहनों, हमारे देश में जो भी PSU बनते हैं वो PSU या तो गड्ढे में जाने के लिए बनते हैं, या तो लुढ़क जाने के लिए बनते हैं, या ताले लगने के लिए बनते हैं या फिर बेचने के लिए बनते हैं। ये उसका इतिहास रहा है। हमने एक नई कार्य संस्कृति लाने का प्रयास किया है। और आज मैं पहली बार संतोष के साथ कहता हूं जो Air India पूरी तरह बदनाम हुआ करता था। पिछले साल हम Air India को, उसके Operation को Operational Profit में लाने सफल हुए हैं। BSNL, सारी दुनिया की Telecom कंपनियां कमा रही हैं, BSNL गड्ढे में जा रहा था। पहली बार BSNL को Operational Profit में लाने में हमें सफलता मिली है। Shipping Corporation of India ये कभी फायदे में आएगा कि नहीं मानते नहीं थे। आज Shipping Corporation of India फायदे में आया है।

एक जमाना था बिजली का कारखाना अगले हफ्ते चलेगा कि नहीं चलेगा। कोयला आएगा कि नहीं आएगा। कितने बिजली के कारखाने कोयले के अभाव में बंद पड़े यही खबरें हुआ करती थीं। आज कोयला बिजली के कारखाने के दरवाजे पर खड़ा हुआ है। महीनों तक जितनी चाहिए उसके दरवाजे पर आकर के खड़ा हुआ है। भाइयों-बहनों इस काम को हमने किया है। आपने देखा होगा।

कभी-कभी हमारे देश में, बड़े-बड़े Corruption की चर्चाएं तो होती हैं। लेकिन Corruptions समाज में निचले स्तर तक गरीब आदमी को इस प्रकार से लूटता रहा है, इस प्रकार से पैसे बर्बाद होते रहे हैं, ये मैंने भलीभांति देखा है। हमने आधार कार्ड को आधार नम्बर को सरकारी योजनाओं से जोड़ा और सरकारी योजना से जुड़ने के कारण, भाइयों-बहनों एक समय था जब हम ये देखते थे कि विधवा Pension हो, scholarship हो, दिव्यांगों के लिए कोई व्यवस्था हो, minority के लिए कोई व्यवस्था हो। सरकारी खजाने से पैसे जाते थे। लाभार्थियों की सूची भी आती थी। लेकिन जब हमनें जरा गहराई से देखा तो हमारे ध्यान में आया कि जिनका जन्म भी नहीं हुआ है, इस दुनिया में जिसने जन्म नहीं लिया, ऐसे लोग भी सूची में हैं। और इस प्रकार की योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। ये बिचौलिये अरबों-खरबों रुपया निकाल देते थे और कभी किसी का ध्यान नहीं जाता था। इस आधार व्यवस्था के तहत हमनें ऐसे सारे बिचौलियों को बाहर किया। पैसा direct किया और अनुभव आया कि करोड़ों लोग ऐसे मिले हैं कि जो हैं ही नहीं लेकिन रुपये जाते थे। अरबों-खरबों रुपये जाते थे। अब वो तो बंद हुआ पैसे बच गए लेकिन हमनें कहा जो जरूरतमंद बेचारे बाहर रह गए थे, उनको ढूंढ-ढूंढ करके लाओ और ये बचे हुए पैसे, उनके खजाने में जाने चाहिए, जो अपने हक के लिए लड़ना चाहते हैं। Last man delivery उस दिशा में हमने काम किया है और आज उसको हमने पहुंचाया है।

Transparency का बल, कोयले का Corruption कौन नहीं जानता है। आज कोयले की नीलामी कोई आरोप नहीं, दाग नहीं और हिन्दुस्तान में राज्यों को आनेवाले दिनों में जैसे-जैसे कोयला निकलता जाएगा लाखों रुपयों की कमाई होती जाएगी।

Spectrum की नीलामी एक जमाना था, आक्षेपों के घेरे में फंसी पड़ी थी। हमनें online उसका auction किया और आज देश का खजाना भी भरा, स्वस्थ Competition भी हुई और उसके कारण देश का लाभ हुआ।

भाइयों-बहनों, आज का विश्व एक Global Economy के युग से गुजर रहा है। आज हर देश Inter Connected है, Inter dependent है। आर्थिक विषयों से पूरा विश्व एक प्रकार से किसी न किसी रूप से जुड़ा हुआ है। हम हमारे देश में कितनी ही प्रगति करें। लेकिन इसके साथ-साथ हमें वैश्विक Economy को ध्यान में रखते हुए, Global arena को ध्यान में रखते हुए, हमारे देश को भी वैश्विक मानकों में खरा उतारना पड़ेगा, उसकी बराबरी से लाना पड़ेगा। तब जाकर के हम Relevant रहेंगे, तब जाकर के हम अपना योगदान दे पाएंगे और तब जाकर के वक्त आने पर हम विश्व की अर्थव्यवस्था का नेतृत्व भी कर पाएंगे। और इसलिए हमें अपने आपको हर पल सज्ज करना पड़ेगा। अगर अपने आप को सज्ज करना है तो वैश्विक मानकों के साथ हमें ताल मिलाना होगा। पिछले दिनों आपने देखा होगा world Bank हो, IMF हो, World Economic Forum हो, Credit-Rating Agencies हो, दुनिया में जितनी प्रकार की संस्थाएं हैं सबने भारत की प्रगति को सराहा है। भारत के एक के बाद एक निर्णयों के कारण कानूनी सुधार, व्यवस्था में सुधार, approach में बदलाव इन चीज को दुनिया बराबर देख रही है। Ease of doing business, हमने बहुत तेजी से हमारा ranking में सुधार किया है... निवेश के मामले में Foreign Direct Investment के मामले में हमारे देश में आज दुनिया के अंदर अगर सबसे पसंदीदा कोई देश है तो हिंदुस्तान बन गया है। विकास दर में देश की बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्था को भी हमने Growth rate की दुनिया में, GDP में हमने पीछे छोड़ दिया है।

भाइयों-बहनों, United Nation की एक संस्था ने अभी अनुमान लगाया है कि भारत आने वाले दो साल में क्या होगा? उन्होंने अनुमान लगाया है कि जो भारत, आज इस अर्थव्यवस्था के दायरे में दसवें नम्बर पर खड़ा है, उन्होंने UN के Institute ने कहा है कि दो साल के भीतर-भीतर यह दसवें नंबर से तीसरे नंबर पर आ जाएंगे। भाइयों-बहनों, वैश्विक मानकों में logistic support, infrastructure इन सारी बातों का भी आज लेखा-जोखा होता है। दुनिया के समृद्ध देशों के साथ तुलना होती है। भाइयों-बहनों, World Economic Forum में भारत के इस logistic support के संबंध में, infrastructure के संबंध में analysis करके कहा है पहले से भारत 19 rank ऊपर चला आया है और भारत बहुत तेजी से ऊपर आगे बढ़ रहा है।

भाइयों-बहनों, हमारे देश में जिस प्रकार से हम एक वैश्विक संदर्भ में भी एक गतिशील और predictable अर्थव्यवस्था को ले करके आगे बढ़ रहे हैं। अभी-अभी जो GST का जो कानून पास हुआ, वो भी उसमें एक ताकत देनेवाला काम हुआ है और वो सभी दल उसके लिए अभिनंदन के अधिकारी हैं।........

...........मैं फिर एक बार महापुरूषों को नमन करते हुए जल, थल, नभ में हमारी रक्षा के लिए जान की बाजी लगानेवाले, हमारे पुलिस के नौजवान, 33 हजार शहादतों को नमन करते हुए, मैं देश के भविष्य की ओर सपनों को देखते हुए, अपनेआप को समर्पित करते हुए आज लाल किले की प्राचीर से आप सबको पूरी ताकत के साथ मेरे साथ बोलने के लिए कह रहा हूं भारत माता की जय..

आवाज दुनिया के हर कोने में जानी चाहिए

भारत माता की जयभारत की जय।

वंदे मातरमवंदे मातरमवंदे मातरम।

जय हिंदजय हिंदजय हिंद।

No comments:

Post a Comment